पंडरिया विकासखंड में विश्व मच्छर दिवस का आयोजन: मच्छरजनित बीमारियों से जागरूकता और बचाव की पहल
पंडरिया, 20 अगस्त: पंडरिया विकासखंड में विश्व मच्छर दिवस (वर्ल्ड मोस्किटो डे) के अवसर पर एक महत्वपूर्ण जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य समुदाय को मच्छरों से फैलने वाली घातक बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और फाइलेरिया से बचाव के उपायों से अवगत कराना था। इस विशेष दिवस को मनाने का नेतृत्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. एल. राज और पंडरिया खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनामिका पटेल ने किया और विकास खंड में वनाँचल एवं मैदानी क्षेत्र में इस दिवस पर व्यापक गतिविधियां की गईं, जिससे जन समुदाय को व्यापक रूप से स्वास्थ्य शिक्षा का प्रसार किया गया।
स्वास्थ्य जागरूकता के प्रति बढ़ती सतर्कता, मलेरिया प्रकरण में आई कमी
इस वर्ष, मच्छरों से होने वाली बीमारियों के मामलों में पंडरिया क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है, जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए समर्पित प्रयासों का प्रमाण है। बीते वर्षों की तुलना में मलेरिया के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है, जो तीव्र उपचार और पूर्ण निदान की रणनीति के तहत किए गए सघन प्रयासों का परिणाम है।
विशेष रूप से, मलेरिया के प्रकरणों में दीर्घकालिक गिरावट का एक प्रभावशाली उदाहरण देखने को मिला है। जहां 2016 और 2017 में क्रमशः 1744 और 2541 मलेरिया के प्रकरण दर्ज किए गए थे, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर मात्र 17 प्रकरण रह गई है। इस उल्लेखनीय प्रगति के फलस्वरूप, पंडरिया विकासखंड में वार्षिक परजीवी सूचकांक (Annual Parasite Index – API) 0.0045 तक नीचे आ गया है, जो इस क्षेत्र में मलेरिया नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इन प्रयासों में स्रोत नियंत्रण सर्वेक्षण (सोर्स रिडक्शन सर्वे), मच्छरदानी की नियमित निगरानी, और व्यापक स्वास्थ्य शिक्षा अभियान शामिल हैं, जिनका उद्देश्य जनसमुदाय को जागरूक बनाना और मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के प्रति सतर्क करना है।
सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता अभियान
इस अभियान के अंतर्गत सामुदायिक स्तर, ग्राम स्तर, और उपस्वास्थ्य केंद्र स्तर पर लोगों को मच्छरों से होने वाले खतरों और उनके बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में विभिन्न स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया और जनता को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, और फाइलेरिया जैसी बीमारियों के लक्षण, कारण, और रोकथाम के बारे में शिक्षित किया। विशेष रूप से, जन समुदाय को मच्छरदानी के सही उपयोग और घरों के आसपास पानी के जमाव से बचाव के तरीकों पर जोर दिया गया।
मलेरिया संवेदनशील ग्रामों में विशेष रूप से स्वास्थ्य शिक्षा का प्रसार किया गया, जिसमें स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके साथ ही, मलेरिया और मच्छर रोधी पौधे जैसे तुलसी, अजवाइन, और नींबू को रोपित कर लोगों को इन पौधों के लाभों के प्रति जागरूक किया गया।
मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग की भविष्य की योजना
पंडरिया विकासखंड के स्वास्थ्य विभाग ने इस मौके पर अपने आगामी योजनाओं की रूपरेखा भी प्रस्तुत की, जिसमें मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान और उनके नियंत्रण के लिए नए तरीकों का उपयोग शामिल है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्रोत नियंत्रण उपायों को मजबूत करने, स्थानीय जल निकायों की नियमित सफाई करने, और जन समुदाय को स्वास्थ्य जागरूकता के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखे जाएंगे। विभाग की योजना में मच्छरदानी की वितरण और मॉनिटरिंग के साथ ही व्यापक स्तर पर जन संपर्क अभियान भी शामिल हैं, ताकि मच्छरजनित बीमारियों के फैलाव को रोका जा सके।
समाज में जागरूकता लाने की आवश्यकता
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस अवसर पर कहा कि समाज में मच्छरजनित बीमारियों के प्रति जागरूकता लाना आवश्यक है। मच्छरों से संबंधित बीमारियों के रोकथाम के लिए सिर्फ सरकार या स्वास्थ्य विभाग के प्रयास ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि जन समुदाय की सहभागिता भी आवश्यक है। इस दिशा में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है, जिससे इन बीमारियों के फैलाव को रोका जा सके और स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।
वर्ल्ड मच्छर दिवस का यह आयोजन न केवल मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम था, बल्कि यह संदेश भी दिया कि इन बीमारियों से बचाव के लिए सामूहिक प्रयास ही सफल हो सकते हैं।
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